Monday 14 October 2019

एक बूढ़ी स्त्री की डायरी : शुन्तारो तानिकावा

बूढ़ी स्त्री ’ (ओल्ड वूमन) से मूल जापानी शब्द ‘ओबासान’ का सही सही अर्थ समझ में नहीं आता। ‘ओबासान’ का सबसे नजदीकी अर्थ ‘छोटी मां’ हो सकता है जो किसी भी स्त्री सम्बंधी या आदरणीय स्त्री के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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किनारे पर उकड़ूं बैठी है वह बूढ़ी स्त्री । उसके पीछे एक विशाल चिमनी धुआं उगल रही है। आप उससे नहीं कह सकते कि अब यह करो तुम बूढ़ी स्त्री । उससे नहीं कह सकते कि अब यह करो। बूढ़ी स्त्री होती है बूढ़ी स्त्री । वह कह रही है कि आज रात वह थोड़ा सा कोन्याकू उबालेगी।

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क्या है इस कविता में

उसने अभी अभी क्या कहा वह भूल जाती है और फिर से दोहराती है वही कहानी। आप समझते हो कि वह गुस्से में है पर अगले ही पल वह खुश नजर आने लगती है। पुराने दिनों में मैं बढ़िया चावल पकाया करती थी मगर देखो कैसे जल गए हैं वे।जो भी हो क्या फर्क पड़ता है। भुला दिया जाता है जल जाना। मगर कितने शर्म की बात है ! किसी भी चीज को इस तरह जला देना! अपने में खोई बूढ़ी स्त्री किसी और पर दोष मढ़ देती है। इस मुश्किल बूढ़ी स्त्री के भीतर पुराने समय की कर्मठ बूढ़ी स्त्री लुकाछिपी खेल रही है। क्या कहीं चली गई बूढ़ी स्त्री ? नहीं वह यहीं है। सूरज में दमकते अपने सुन्दर सफेद केशों के साथ वह बनी रहती है जिन्दा।

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा दांव चल दिया है (Test)

प्रीति सिंह
एक तरफ जहां महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के भीतर घमासान मचा है, वहीं उत्तर प्रदेश में पार्टी ने अपना दांव चल दिया है. पार्टी ने न सिर्फ नए चेहरों को तरजीह दी, बल्कि सामाजिक न्याय, जातीय समीकरण, युवा चेहरों व कार्यकर्ताओं के संघर्षों को भी ध्यान में रखा है.

कांग्रेस खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में जड़ें जमाने की कवायद में है. खासकर पार्टी की नजर गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ और बनारस मंडल पर है. पार्टी ने राज्य की कार्यकारिणी की घोषणा करते समय इस क्षेत्र का विशेष खयाल रखा है. कुशीनगर जिले के तमकुही राज विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए अजय कुमार लल्लू को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.



 राज्य के पदाधिकारियों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर वीरेंद्र चौधरी का नाम है, जो उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. कांग्रेस के हिसाब से न सिर्फ यह नाम अहम हैं, बल्कि इन नामों के चयन के साथ इलाके की राजनीतिक स्थिति को देखना भी जरूरी है. इससे यह साफ हो सकेगा कि कांग्रेस के इस चयन के पीछे क्या राज है.