Monday 14 October 2019

एक बूढ़ी स्त्री की डायरी : शुन्तारो तानिकावा

बूढ़ी स्त्री ’ (ओल्ड वूमन) से मूल जापानी शब्द ‘ओबासान’ का सही सही अर्थ समझ में नहीं आता। ‘ओबासान’ का सबसे नजदीकी अर्थ ‘छोटी मां’ हो सकता है जो किसी भी स्त्री सम्बंधी या आदरणीय स्त्री के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

1

किनारे पर उकड़ूं बैठी है वह बूढ़ी स्त्री । उसके पीछे एक विशाल चिमनी धुआं उगल रही है। आप उससे नहीं कह सकते कि अब यह करो तुम बूढ़ी स्त्री । उससे नहीं कह सकते कि अब यह करो। बूढ़ी स्त्री होती है बूढ़ी स्त्री । वह कह रही है कि आज रात वह थोड़ा सा कोन्याकू उबालेगी।

2
क्या है इस कविता में

उसने अभी अभी क्या कहा वह भूल जाती है और फिर से दोहराती है वही कहानी। आप समझते हो कि वह गुस्से में है पर अगले ही पल वह खुश नजर आने लगती है। पुराने दिनों में मैं बढ़िया चावल पकाया करती थी मगर देखो कैसे जल गए हैं वे।जो भी हो क्या फर्क पड़ता है। भुला दिया जाता है जल जाना। मगर कितने शर्म की बात है ! किसी भी चीज को इस तरह जला देना! अपने में खोई बूढ़ी स्त्री किसी और पर दोष मढ़ देती है। इस मुश्किल बूढ़ी स्त्री के भीतर पुराने समय की कर्मठ बूढ़ी स्त्री लुकाछिपी खेल रही है। क्या कहीं चली गई बूढ़ी स्त्री ? नहीं वह यहीं है। सूरज में दमकते अपने सुन्दर सफेद केशों के साथ वह बनी रहती है जिन्दा।

No comments:

Post a Comment